मातृशक्ति
मातृशक्ति सब कुछ कर सकती है..... आज देहरादून वापसी थी, ट्रेन का टिकट कन्फर्म नहीं हो पाया, फिर बस से जाने का फैसला लिया, घर से स्टेशन के लिये निकल रहा था तो कटघरिया चौराहे पर पहुँच कर अँधेरे में एक ऑटो दिखा और ऑटो के अंदर ड्राइविंग सीट पर एक महिला थी। पहले मुझे भी अजीब लगा और सोचा शायद ऐसे ही बैठी होंगी। मैं ऑटो की प्रतीक्षा कर रहा था तब तक एक आवाज आई, भैया बाजार चलना है....मैंने हाँ में हामी भरी लेकिन मैंने उत्सुकतावस पूछा कि आप ऑटो चलाओगे? पूरे हल्द्वानी में भावना जी इकलौती महिला हैं जो ऑटो चलाती हैं, बाकी और महिलाएं भी हैं(जैसा उन्होंने बताया) जो टुक टुक चलाती हैं। भावना जी ने बोला हाँ, मैं ही चलाती हूँ, मेरे लिये थोड़ी देर के लिये अजीब था लेकिन ज्यादा आश्चर्यजनक नहीं... क्योंकि आजकल महिलाएं हर क्षेत्र में आगे आकर काम कर रही हैं....और घर परिवार की जिम्मेदारी भी बखूबी निभा रही हैं। खैर कटघरिया चौराहे से बस स्टेशन का सफर तकरीबन 25 मिनट का रहा ज...