बिटिया
बिटिया....!!
बच्चों को स्कूल ले जाने व छोड़ने वाले के चेहरे पर
कई दिनों से मै चिन्ता की रेखाएँ साफ पढ़ सकता था
एक दिन रहा न गया तो दोपहर को बच्चे छोड़ कर
जाते हुए मैने उसे रोक ही लिया।
-आओ बुद्धराम पानी पी लो बडी गर्मी है....
वह रुक गया मैने उसे अपने कमरे में बिठा कर
पानी पिलाया...
पानी पी कर वह माथे और चेहरे का
पसीना पोंछने लगा...
-क्या बात है भई
लगता है कई रोज से तुम परेशान हो....
-नही बाबू जी ऐसी कोई बात नहीं है
उसने कह तो दिया
मगर वह अपनी पीड़ा छुपा न सका।
-नही बाबू जी ऐसी कोई बात नही है
दरअसल दस दिन बाद बिटिया की शादी है
और थोडी सी पैसे की कमी रह गई है,
अपने भाइयों बिरादरी वालों यहाँ तक कि
जिन के घर बच्चे छोड़ता हूँ
सभी से पूछ चुका हूँ-
वह सकुचाते हुए बोला।
-लेकिन तुमने मुझ से तो नही पूछा।
-वो बाबू जी क्या है कि
मेम साहब से पूछा था,
उन्होंने मना कर दिया था
कहते कहते लगा कि वह शायद रो ही देगा...
-कितनी कमी रह गई...
-यही पाँच हजार रुपये...
-लौटाओगे कैसे, मैने पूछा।
-हर महीने पाँच-पाँच सौ देकर,
आप चाहें तो ब्याज भी .......
कहते हुए उस की आँखों में
चमक -सी आ गई थी।
-ये लो पाँच हजार रुपये,
जब चाहो लौटा देना...
उस के जाते ही और घर के भीतर घुसते ही
पत्नी की आवाज सुनाई दी...
-आप ने पाँच हजार रुपये उठा कर उसे दे दिए,
ना पता मालूम है ना ठिकाना और ये रुपये तो
वैसे भी मैने अगले सप्ताह आ रही बिटिया के
लिए रखे थे उसे कपडे,
सामान वगैरा देना था.....
सुनो हमारी बिटिया की शादी हो चुकी ...
और उसकी बिटिया की शादी होनी है ....
वैसे मैने भी तो वह पैसे बिटिया को ही दिए हैं
बेटी चाहे गरीब की हो या अमीर की,
बेटी तो बेटी होती है...
अब पत्नी खामोश थी...
दोस्तों मैं यहां सिर्फ इतना ही कहना चाहता हूं
बेटी तो बेटी होती है
सबकी एक जैसी और कहते है ना
बेटी की शादी मे कन्यादान जरुर करना चाहिए
कयोंकि वह बेटी जीवन की नयी शुरुआत
कर रही होती है
ऐसे मे आपके द्वारा किया गया कन्यादान
एक आशीर्वाद के रुप मे उसके आनेवाले
जीवन मे सहयोगी बनेगा...!!🙏
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