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"पिताजी आपने मेरे लिए किया ही क्या है,,

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 *पिताजी आपने मेरे लिये किया क्या है* *"अजी सुनते हो? राहूल को कम्पनी में जाकर टिफ़िन दे आओगे क्या?"* *"क्यों आज राहूल टिफ़िन लेकर नहीं गया।?" शरद राव ने पुछा।* *आज राहूल की कम्पनी के चेयरमैन आ रहे हैं, इसलिये राहूल सुबह 7 बजे ही निकल गया और इतनी सुबह खाना नहीं बन पाया था।" "ठीक हैं। दे आता हूँ मैं।"* *शरद राव ने हाथ का पेपर रख दिया और वो कपडे बदलने के लिये कमरे में चले गये। पुष्पाबाई ने  राहत की साँस ली।*  *शरद राव तैयार हुए मतलब उसके और राहूल के बीच हुआ विवाद उन्होंने नहीं सुना था।*  *विवाद भी कैसा?हमेशा की तरह राहूल का अपने पिताजी पर दोषारोपण करना और पुष्पाबाई का अपनी पति के पक्ष में बोलना।* *विषय भी वही! हमारे पिताजी ने हमारे लिये क्या किया? मेरे लिये क्या किया हैं मेरे बाप ने ?*  *"माँ! मेरे मित्र के पिताजी भी शिक्षक थे, पर देखो उन्होंने कितना बडा बंगला बना लिया। नहीं तो एक ये हमारे पापा   (पिताजी)। अभी भी हम किराये के मकान में ही रह रहे हैं।"* *"राहूल, तुझे मालूम हैं कि तुम्हारे पापा  घर में बडे हैं। और दो बहनों और दो भाईयों की शा...

गहरी शिक्षा

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 रामायण में एक बड़ा सुंदर प्रसंग है जो हमें वर्तमान परिप्रेक्ष्य में बहुत गहरी शिक्षा देता है... जब हनुमान जी समुद्र लांघ रहे थे तो सुरसा नामक राक्षसी उनको खाने के लिए ललकारने लगी,,,, हनुमान जी छोटा रूप कर समुद्र लांघ रहे थे। तुरन्त हनुमान जी ने अपना आकार बढ़ाया जिससे सुरसा उनका भक्षण न कर सके।  सुरसा ने अधिक बड़ा मुख खोला,  हनुमान जी ने उससे बचने के लिए अधिक बड़ा शरीर धारण किया..... सुरसा ने उससे बड़ा मुख बनाया।  हनुमान जी ने उससे विनती की कि अभी उन्हें जाने दिया जाय क्योंकि वो बहुत महत्वपूर्ण कार्य से जा रहे है.....  जब सुरसा नहीं मानी तो उन्होंने अति लघु रूप धारण कर उसके मुख में प्रवेश किया व् तुरत बाहर निकल आये.... सुरसा अपने असली रुप में आ गयी व उन्हें आशीर्वाद दिया कि उनमें बल के साथ-साथ विवेक भी बहुत है अतः उन्हें उनके प्रयोजन में सफलता मिलेगी... सुरसा नामक बाधा,  कष्ट कठिनाई अथवा परीक्षा हम सभी के जीवन में आती है।  इस दुनिया में दो तरह के लोग है-  एक वो जिनके जीवन का उच्च आध्यात्मिक लक्ष्य है, ऐसे लोग बहुत कम है।  दूसरे वो जो अपने पद ...

सबक

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 ✍✍सबक जुर्म को..... अदालत के कटघरे मे खड़ी थी बाईस वर्षीय युवती अर्पणा, लेकिन सर झुका कर नही सर उठा कर। आरोप था उस पर, एक व्यक्ति के दोनो पैर और बाये हाथ के साथ साथ उसके पुरुषत्व को काटकर अपाहिज के साथ साथ नामर्द बनाने का। जज साहेब ने मुलजिमा से पूछा.... क्या आप अपने ऊपर लगे ये आरोप कबूल करती है, या आप अपनी सफाई मे कुछ कहना चाहती हैं। जी योर ऑनर.... मै अपने ऊपर लगे सारे आरोपो को कबूल करती हूं, उसने मेरे साथ बलात्कार किया इसलिए मैने उसको उसके कृत्य की ये सजा दी हैं।.... लेकिन सजा देने का काम तो कानून का है, तुम्हारा नही तुम्हे कानून पर भरोसा रखना चाहिए था अर्पणा? जी योर ऑनर.... कानून पर मै भी भरोसा करती थी, तभी आपके कानून पर भरोसा कर, सुनसान सड़क पर भी बेफिक्री के साथ घर के लिए अकेली निकल पड़ी थी। लेकिन उस बलात्कारी को, ना तो आपके कानून का ही डर था। और ना ही आपके कानून पर भरोसा, की वो उसे सजा दे पायेगा।... गर आपका कानून ये भरोसा पैदा कर पाता, की मुजरिम उससे किसी भी हाल मे बच नही पाता है।..... अपने जुर्म की वो भयानक सजा हर हाल मे पाता है,... तो शायद फिर वो ऐसा भयानक जुर्म करने की हि...

गिलोय

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 *गिलोय के औषधीय गुण*:-- ********************** आयुर्वेद के अनुसार गिलोय की पत्तियां, जड़ें और तना तीनो ही भाग सेहत के लिए बहुत गुणकारी हैं लेकिन बीमारियों के इलाज में सबसे ज्यादा उपयोग गिलोय के तने या डंठल का ही होता है।  गिलोय में बहुत अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं साथ ही इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और कैंसर रोधी गुण होते हैं। इन्हीं गुणों की वजह से यह बुखार, पीलिया, गठिया, डायबिटीज, कब्ज़, एसिडिटी, अपच, मूत्र संबंधी रोगों आदि से आराम दिलाती है।  बहुत कम औषधियां ऐसी होती हैं जो वात, पित्त और कफ तीनो को नियंत्रित करती हैं, गिलोय उनमें से एक है।  गिलोय  का मुख्य प्रभाव टॉक्सिन (विषैले हानिकारक पदार्थ) पर पड़ता है और यह हानिकारक टॉक्सिन से जुड़े रोगों को ठीक करने में असरदार भूमिका निभाती है। *गिलोय का सेवन कैसे करें* आज के समय में अधिकांश लोगों को गिलोय के फायदे  तो पता हैं लेकिन उन्हें गिलोय की सेवन विधि नहीं पता होती है। आमतौर पर गिलोय का सेवन आप इन तीन रूपों में कर सकते हैं :....  गिलोय सत्व, गिलोय जूस या गिलोय स्वरस और गिलोय चूर्ण।  आजकल बा...

अवसाद

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 समझने वाला कोई नहीं,,,, अक्सर ही लोग अवसाद भरा जीवन बिताने को  मजबूर हो जाते हैं वजह? उनकी मनोस्थिति  समझने वाला कोई नहीं होता सबको यही लगता है वो हंस रहा है तो  सब ठीक चल रहा होगा कोई समस्या नहीं होगी अक्सर लोग भूल जाते हैं हंसता हुआ इंसान  अपने भीतर बहुत दुःख समेटे हुआ हो सकता है  जिसे कोई पढ़ना नहीं चाहता, बताने पर कोई समझना नहीं चाहता  ज़ब दिल जलता है गुस्सा करता है  उस गुस्से के पीछे का कारण नहीं समझता कोई,  और  वहीं इंसान जब स्वयं के जीवन से थक हार कर  मजबूर होकर अपना जीवन खत्म कर लेता है  तो लोगों को समझ आता है कि शायद हमने  हंसी के पीछे की खामोशी को समझ गए होते तो  आज अपने को नहीं खोते लेकिन कहा करना चाहता है कोई ऐसा, सब व्यस्त हैं अपने जीवन में,  कहां फिक्र है किसी और की,  कहां कोई जानना चाहता है किसी की मनोस्थिति, आजकल तो लोगों को पता हो जाए कि तुम्हे जरुरत है सामने वाले की  तो सामने वाला ऐसा रंग रुप दिखाने लगता है कि ना जाने कौन सा गुनाह कर दिया सामने वाले को महत्व देकर, स्वयं की मनोस्थिति से...

समझौता

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  * समझौता *                      हमेशा सही नहीं होता .. " हे भगवान ! अच्छी बहू पल्ले पड़ी हैं मेरे। खाना बनाना भी नहीं आता। तीन महीने हो गए शादी को लेकिन अभी तक वही के वही हाल। यह खाना कोई खाने लायक है। आज भी मुझे भूखा ही उठना पड़ेगा। नमन के टिफिन में तो आचार ही जाएगा आज। अपने ही घर में रोटी भी ढंग की नहीं मिलती " सासू मां का बड़बड़ाना बदस्तूर जारी था। खाना खाती जा रही थी और खाते खाते दो बातें सुनाए जा रही थी। पर मजाल है कि घर में कोई और सदस्य कुछ कह जाए। वैसे भी सासू मां धीरे तो बोलती है नहीं , तो रसोई में काम करती सुनैना को सब कुछ साफ - साफ सुनाई दे रहा था। पर उसे तो नमन को भी टिफिन पैक करके देना था। इसलिए सासु मां की बातों में ध्यान देने से अच्छा जल्दी जल्दी हाथ चलाने में लगी हुई थी।   दरअसल आज सुनैना ने आलू की रसेदार ...