अवसाद
समझने वाला कोई नहीं,,,,
अक्सर ही लोग अवसाद भरा जीवन बिताने को
मजबूर हो जाते हैं
वजह?
उनकी मनोस्थिति समझने वाला कोई नहीं होता
सबको यही लगता है वो हंस रहा है तो
सब ठीक चल रहा होगा
कोई समस्या नहीं होगी
अक्सर लोग भूल जाते हैं हंसता हुआ इंसान
अपने भीतर बहुत दुःख समेटे हुआ हो सकता है
जिसे कोई पढ़ना नहीं चाहता,
बताने पर कोई समझना नहीं चाहता
ज़ब दिल जलता है गुस्सा करता है
उस गुस्से के पीछे का कारण नहीं समझता कोई,
और
वहीं इंसान जब स्वयं के जीवन से थक हार कर
मजबूर होकर अपना जीवन खत्म कर लेता है
तो लोगों को समझ आता है कि शायद हमने
हंसी के पीछे की खामोशी को समझ गए होते तो
आज अपने को नहीं खोते
लेकिन कहा करना चाहता है कोई ऐसा,
सब व्यस्त हैं अपने जीवन में,
कहां फिक्र है किसी और की,
कहां कोई जानना चाहता है किसी की मनोस्थिति,
आजकल तो लोगों को पता हो जाए कि तुम्हे जरुरत है सामने वाले की तो सामने वाला ऐसा रंग रुप दिखाने लगता है कि ना जाने कौन सा गुनाह कर दिया सामने वाले को महत्व देकर,
स्वयं की मनोस्थिति से तो एक बार लड़ा भी जा सकता है||| परन्तु बिना गलती जो सजा सुना दी जाती है उसकी पीड़ा असहनीय हो जाती है
तब लगता है इस जीवन से अच्छा है
इस जीवन को नष्ट कर देना,
शायद तब लोगों को समझ आए कि निर्दोष था
कोई, जिसे बेवजह दोष देकर विवश कर दिया गया
यह सब करने पर,
जिनके पास पैसा नहीं उन्हें लगता है
पैसा होता तो शायद मेरे दुःख कम हो जाते
परन्तु ऐसा है नहीं
पैसा दुःख कम नहीं कर सकता,
पैसा सिर्फ जरुरतें पूरी करता है,
दुःख खत्म करने का उपचार मात्र "प्रेम" है
किसी रोते हुए से उसके रोने का कारण पूछ थोड़ी देर उसके पास ठहर जाओ उसका आधे से ज्यादा दुःख वहीं खत्म हो जाता है||
"प्रेम हमेशा ही पैसे से श्रेष्ठ रहेगा "
"अवसाद का मुख्य कारण ही प्रेम की कमी ही है "
जितना हो सके अपने आसपास प्रेम बांटे
शायद आप किसी को अवसाद से बचा सकते हैं
क्योंकि अवसाद से घिरा व्यक्ति
ना ही मस्तिष्क ना ही हृदय से शांत हो पाता है
घुटता रहता है भीतर ही भीतर,
यह घुटन एक दिन उससे उसका सब छीन लेती है
उसका आत्मविश्वास,उसकी पहचान और स्वयं उसे
और थमा देती है अंधकारमय भविष्य ....
"प्रेम बांटे, अपनों को समझें, उन्हें समय दे"
"छोटे से जीवन में अहंकार पालकर ना रहे
जितना झुककर रहेंगे उतना ही मन शांत सा रहेगा"
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