मम्मी आपका जन्मदिन कब आता है
मम्मी.....आपका जन्मदिन कब आता है...
बारह साल के
आकाश ने अपनी मां से
पूछा... मां ने उसकी इस
बात पर मुस्कुरा
दिया... आकाश अक्सर
ही ये सवाल मां से
पूछता और मां जवाब में
बस मुस्कुरा देती
थी.... लेकिन आज
आकाश ने ठान लिया था
वो बिना जवाब
जाने मानने वाला
नही है....
आखिर बेटे की
जिद के आगे मां ने
कहा...
"हमारे जमाने मे
जन्मदिन कहां मनाया
जाता था बेटा....
पहले के लोगो
को तो तारीख
भी याद नही रहती थी
आज कल ये सब चीजें
चलन में आई है....
पहले हमारे बुजुर्ग
माता पिता बच्चों
के जन्म होली
से एक महीना
पहले हुआ था....या ये
दशहरे के दो दिन बाद
....दीवाली पर हुई
थी ....या उस दिन पूर्णिमा
थी ....यही कुछ याद रखते
थे ....सच कहूं तो मुझे
याद नही है बेटा.....
मां की बात
सुन के आकाश सोच में
पड़ गया....
मम्मी मेरा जन्मदिन
कितने धूमधाम से
मानती है... तरह-तरह के
पकवान बनाती है...
केक कटता है,
पार्टी होती है....
काश.... मैं भी
अपनी मम्मी का
जन्मदिन मना पाता.....
देखते-देखते समय
बीतता गया बारह
वर्ष का आकाश आज 35 साल
का एक बिजनेसमैन बन गया...
इन तेइस साल
में बहुत कुछ
बदल गया था...
उसकी सुधा से
शादी हो गई थी और
आराध्या जैसी एक प्यारी बिटिया
उनकी जिंदगी में
आ गई थी...
कलतक जो मां
आकाश की हर पसंद नापसंद
का ख्याल रखती
थी आज आकाश अपनी मां
का रखता था
....वैसे घर ...शहर
गाडी ...वक्त और उम्र ....बदल चुके
थे
बस एक ही
चीज नही बदली
थी वो थी मां का
प्यार...
वो आज भी
अपने बेटे आकाश
का जन्मदिन धूमधाम
से मनाती...
बुढ़ापे की
वजह से वो ज्यादा भाग
दौड़ तो नही कर पाती
थी लेकिन आकाश
की पसंद की हर चीजे
बनाती, अनाथालय जा
कर वहां के बच्चो में
मिठाइयां और केक
बटवाती...
मंदिर में जा
कर गरीबों को
भोज करवाती...
जब आकाश पैदा
हुआ था तब मां की
खुशी का ठिकाना
नही था... पहली
बार मां बनने
का एहसास उसे
आकाश ने ही तो करवाया
था, जब वो रुई की
तरह मखमल सा बेटा उसकी
गोद मे आया था वो
दुनिया ही भूल गई थी...
सारी खुशी एक
तरफ और मां बनने की
खुशी एक तरफ...
इसीलिए उसे आकाश
के जन्मदिन से
बेहद लगाव है....
आकाश के बिजनेस
शुरू करते ही वो अपने
काम में व्यस्त
हो गया....वो
मां को अधिक समय भी
नही दे पाता था... वैसे
तो सुधा बहुत
अच्छी बहु थी वह अपनी
मां स्वरूप सासूमां
का ख्याल रखती
थी ........
रोज देर से
आनेवाला आकाश आज शाम को
जल्दी घर आ गया था....देखा तो
सुधा आराध्या को
होमवर्क करा रही थी....
अचानक आराध्या ने सुधा से पूछा
"मम्मा आपका बर्थडे
कब आता है.....
सुधा ने जवाब
दिया "जिस दिन
मेरी आरु का बर्थडे आता
है उसी दिन मम्मा का
भी बर्थडे आता
है....
क्योंकि आराध्या जब आई तभी तो
मैं मम्मा बनी....
दोनो की बात
सुन के आकाश अतीत में
चला गया, बचपन
से जो सवाल मां से
पूछता आ रहा है उसका
जवाब आज उसे मिल गया
था....
आज आकाश का
जन्मदिन है......
वो मां के
साथ मंदिर गया
....अनाथालय गया ....जैसा मां
चाहती थी बिल्कुल
वैसा ही करता गया ......
शाम को जब
मां सहित वो घर लौटा
तो घर पहुचते
ही उसने देखा
कि घर फूलों
से सजा है बिजलियों वाले झूमर
जगह-जगह लगे है, तरह-तरह के
पकवानों की खुशबू
आ रही है, अंदर हॉल
में गुलाब की
पंखुड़िया बिखरी हुई
है और बीचोबीच
बड़े से टेबल में केक
रखा हुआ है और बहुत
से मेहमानों से
घर भरा है मां आश्चर्य
से देख रही थी तभी
सुधा आ के मां को
तैयार करने कमरे
में ले गई...
मां सोच में
थी कि आखिर बात क्या
है, तभी वो तैयार हो
के नीचे आती
है....आकाश माइक
पकड़ के कहना शुरू करता
है...
"मां....
मैने हमेशा आपसे
पूछा था कि आपका जन्मदिन
कब आता है, मेरा मन
करता था कि जिस तरह
आप मेरा जन्मदिन
मानती है वैसे मैं भी
मनाऊ...
आपने मेरे लिए
कितना कुछ नही किया, आज
मैं जो भी हूं आपकी
वजह से ही तो हूं....
आपने हर मुश्किल
में मेरा साथ
दिया है... मेरी
छोटी छोटी खुशियों
को इतना बड़ा
बनाया है...
मैं हमेशा
सोचता कि आपको मेरे जन्मदिन
से इतना प्यार
क्यों है....
जवाब अब मुझे
मिला... एक मां की जिंदगी
का सबसे बड़ा
पल आता है जब वो
अपने बच्चे को
पहली बार गोद मे ले
कर गले लगती
है, आज ही का तो
दिन था ना मां जब
मैं आपकी जिंदगी
में आया था...
मां आज ही
के दिन तो आप भी
मुझे मिली थी...
आज ही के दिन तो
मैं भी बेटा बना था...
आज ही के दिन तो
मैं आपकी गोद
मे आया था...
आज ही के दिन तो
मुझे भी ममता का सागर
मिला था... ...
इसलिए आज से
ये दिन सिर्फ
मेरा नही आपका
भी है क्योंकि...''
तुम से ही तो मैं
हूं.....'
आज एक मां
और एक बेटे का जन्मदिन
है....
आकाश की बातें
सुन के मां की आँखों
मे आंसू आ गए, मुंह
से कोई बोल नही निकले
बस दिल से दुआएं निकल
रही थी.... इतना
मार्मिक दृश्य देख
कर हर कोई रोने लगा
था।
मां ने अपने
बेटे को गले लगा लिया...दोनो रो
पड़े थे खुशी के आंशू
भावनाओ के साथ वह निकले
थे
दोनों ने मिल
कर अपने जन्मदिन
का केक काटा
था...
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