आकाश का आकाश छूना
आकाश का आकाश छूना
आज हमारे विद्यालय में
शिक्षक दिवस के अवसर पर एक नाटक का मंचन किया गया जिसमें एक छात्र के जीवन की
सच्चाई थी जो हमारे स्कूल में ही पढ़ता था।
आकाश कक्षा 6 का एक छात्र
जो बहुत ज्यादा नॉटी मतलब अपने दोस्तों को परेशान करने वाला टीचर्स को परेशान करने
वाला कभी अपना वर्क कंप्लीट करके नहीं रखता ना हीं क्लास वर्क ना हीं होमवर्क। उसे
क्या में इंटरेस्ट था किसी को समझ ही नहीं आता क्योंकि वह कभी किसी की बात नहीं
मानता था सिर्फ सबको परेशान करता था। यहां तक की कक्षा में कंसंट्रेट होकर शिक्षक
को पढ़ाने भी नहीं देता था।
शिक्षकों के साथ-साथ उसके
माता-पिता भी उससे बहुत परेशान थे।
1 दिन क्लास में शिक्षिका
ने सभी छात्र-छात्राओं को बताया की इंटर स्कूल नाटक प्रतियोगिता होने वाली है
कौन-कौन इसमें भाग लेना चाहता है ।सभी बच्चों ने हाथ उठाया लेकिन आकाश ने नहीं
उठाया। शिक्षिका ने पूछा, आकाश सब भाग
लेना चाहते हैं तुम क्यों नहीं भाग लेना चाहते ? आकाश ने कहा वैसे ही ,,मेरी मर्जी…..
शिक्षिका ने जबरदस्ती उसे
समझा- बुझाकर नाटक में भाग लेने के लिए राजी कर लिया।
और आप विश्वास नहीं
करेंगे आकाश की कलाकारी देखकर सब मंत्र मुग्ध होकर बस देखते ही रह गए और उसे प्रथम
पुरस्कार भी मिला।
उसके बाद शिक्षिका ने उसे
समझाया देखो आकाश, तुम एक बहुत अच्छे
कलाकार हो। इसमें अपना भविष्य बना सकते हो। अगर तुम चाहो तो तुम्हें थोड़ा सीरियस
होना होगा और अपने काम पर ध्यान देना होगा और अगर तुम ऐसा नहीं करोगे तो फिर
तुम्हारा फ्यूचर बर्बाद भी हो सकता है। क्योंकि पढ़ाई- लिखाई में तुम्हें बहुत ज्यादा इंटरेस्ट है नहीं,, तुम्हें मन भी नहीं लगता है। तो कम मार्क्स
लाकर डॉक्टर- इंजीनियर बनना बहुत
मुश्किल है ।तुम चाहो तो नाटक के क्षेत्र में भी अपना नाम रोशन कर सकते हो ।आकाश
ने हामी में सर हिला दिया।
साल-दर- साल बीत गए और
आकाश ने अपनी मैट्रिक और इंटर की परीक्षा पास कर ली। और कुछ सालों के बाद अचानक से
टीचर्स डे के दिन वह अपने स्कूल आया और अपनी उसी क्लास टीचर से मिला और उन्हें पैर
छूकर प्रणाम किया, और बहुत-बहुत धन्यवाद
दिया। पहले तो शिक्षिका ने उसे पहचाना ही नहीं ।फिर जब उसने अपना परिचय दिया टीचर
आपके कहे अनुसार मैंने कलाकारी में ही अपना फ्यूचर बना लिया है। मैं वही आकाश मल्होत्रा हूं जो आजकल फिल्मी
मैगजीन पर हर जगह छाया रहता है।
आपने मेरी जिंदगी बना दी टीचर आपका बहुत-बहुत
शुक्रिया।
फिर शिक्षिका उसे पहचान जाती
है और गले से लगा लेती है।
देखा दोस्तों, एक शिक्षक ही है जो अपने विद्यार्थियों को सही- गलत का सही ज्ञान दे सकता है ।उन्हें भविष्य में क्या करना
है क्या नहीं करना है क्या करने से वे आगे जा सकते हैं यह बता सकता है ।क्योंकि हर
बच्चे में कोई ना कोई खूबी जरूर होती है। तो शिक्षक यही करता है ,उसकी खूबी को उभारकर सामने लाता है और उसे भविष्य के लिए
तैयार करता है। यह हमारे स्कूल की एक सच्ची घटना थी।
आप सब लोगों को शिक्षक
दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
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